Thursday, October 22, 2009

ख़ाक-ए-शायरी .....हिंदी शायरी इंग्लिश में...!!!



क्या आपने कभी हिंदी की शायरी अंग्रेजी में पढ़ी हैं ??? क्या आप पेट पकड़ कर हंसने को तैयार है तो ठिठोली पर आपके लिए पेश है ख़ाक-ए-शायरी के अर्न्तगत...... शायरी की ख़ाक.....उप्प्स  मतलब अच्छी अच्छी शायरी....!!! और आपसे एक निवेदन और है कृपया अपने सुझाव और प्रतिक्रियाए जरुर दे ताकि इस ब्लॉग को और बेहतर बनाने में मदद मिल सके......!!! इसी आशा के साथ पढिये और मजे लीजिये.......!!!

आउटबॉक्स कालम आपका अपना कालम है आप कुछ भी हास्य से सम्बंधित चीजे इस कालम के लिए भेज सकते है जिसे आपके नाम से पोस्ट किया जायेगा....!!!! राजीव तनेजाजी का आउटबॉक्स के अर्न्तगत व्यंग आप यहाँ पढ़ सकते हैं...!!


Saap Ne Piya Bakri Ka Khoon ...
..
..
Waah! Waah!
..
..
Saap Ne Piya Bakri Ka Khoon ...
Good Afternoon! Good Afternoon! Good Afternoon!!






 Aapki Surat Mere Dil Mein Aise Bass Gayii Hai ...
..
..
Waah! Waah!
..
..
Aapki Surat Mere Dil Mein Aise Bass Gayii Hai ...
Jaise Chhote Se Darwaaze Mein Bhens Phass Gayii Hai .. !!





Hoton Pe "Haan" Hai ...
Dil Mein "Naa" Hain .....
..
..
Waah! Waah!
..
..
Hoton Pe "Haan" Hai ...
Dil Mein "Naa" Hain ...
Shashi Kapoor Kehta Hai: "Mere Paas Maa Hai ...."






Yashomati Maiyya Se Bole Nandlala ...
..
..
Waah! Waah!
..
..
Yashomati Maiyya Se Bole Nandlala ...
"Maa, Tata Sky Laga Daala To Life Jhingalala ..!!"


Aatma Chhod Gayii Shareer Puraana ...
..
..
Waah! Waah!
..
...
Aatma Chhod Gayii Shareer Puraana .....
Didi Tera Devar Deewana .. !!!




Bahaar Aane Se Pehle Fizaa Aa Gayii ...!!!
..
..
Waah! Waah!
..
..
Bahaar Aane Se Pehle Fizaa Aa Gayii ...!!!
Phool Ko Khilne Se Pehle Bakri Kha Gayii .. !!

Thursday, October 1, 2009

आउटबॉक्स : राजीव तनेजा.....!!! OUTBOX : Rajeev Taneja......!!!



व्यथा झोलाछाप डॉक्टर की........

कसम ले लो मुझसे...'खुदा' की...या फिर किसी भी मनचाहे भगवान की.....तसल्ली ना हो तो बेशक!...'बाबा रामदेव'के यहाँ मत्था टिकवा के पूरे सात के सात वचन ले लो जो मैँने या मेरे पूरे खानदान में....कभी किसी ने 'वी.आई.पी' या 'अरिस्टोक्रैट'के फैशनेबल लगेज के अलावा कोई देसी लगेज जैसे...थैला....बोरी...कट्टा...ट्रंक ...अटैची...या फिर कोई और बारदाना इस्तेमाल किया हो। कुछ एक सरफिरे अमीरज़ादे तो 'सैम्सोनाईट' का मँहगा लगेज भी इस्तेमाल करने लग गए हैँ आजकल। आखिर स्टैडर्ड नाम की भी कोई चीज़ होती है। लेकिन इस सब में भला आपको क्या इंटरैस्ट?...आपने तो ना कुछ पूछना है ...ना पाछना है और...सीधे ही बिना सोचे समझे झट से सौ के सौ इलज़ाम लगा देने हैँ हम मासूमों पर।मानों हम जीते-जागते इनसान ना होकर कसाई खाने में बँधी भेड़-बकरियाँ हो गयी कि....जब चाहा...जहाँ चाहा....झट से मारी सैंटी और....फट से हाँक दिया।

अच्छा लगता है क्या कि किसी अच्छे भले सूटेड-बूटेड आदमी को 'छोला छाप' कह उसकी पूरी पर्सनैलिटी ...पूरी इज़्ज़त की वाट लगाना? मज़ा आता होगा ना आपको हमें सड़कछाप कह...हमारे काम...हमारे धन्धे की तौहीन करते हुए? सीधे-सीधे कह क्यों नहीं देते कि अपार खुशी का मीठा-मीठा एहसास होता है आपको...हमें नीचा दिखाने में?....वैसे ये कहाँ की भलमनसत है कि हमारे मुँह पर ही...हमें...हमारे छोटेपन का एहसास कराया जाए?

ये सब इसलिए ना कि हम आपकी तरह ज़्यादा पढे-लिखे नहीं...ज़्यादा सभ्य नहीं....ज़्यादा समझदार नहीं? हमारे साथ ये दोहरा मापदंड...ये सौतेला व्यवहार इसलिए ना कि...हमारे पास 'डिग्री' नहीं...सर्टिफिकेट नहीं? मैँ आपसे पूछता हूँ... हाँ!...आप से..आपसे और आपसे कि हकीम 'लुकमान' के पास कौन से कॉलेज या विश्वविद्यालय की डिग्री थी? या 'धनवंतरी' ने ही कौन से मैडिकल कॉलेज से 'एम.बी.बी.एस' या...'एम.डी' पास आऊट किया था? सच तो यही है दोस्त कि उनके पास कोई डिग्री नहीं थी...कोई सर्टिफिकेट नहीं था।...फिर भी वो देश के जाने-माने हकीम थे....वैद्य थे...लाखों-करोड़ों लोगों का सफलतापूर्वक इलाज किया था उन्होंने।क्यों?...है कि नहीं।

उनके इस बेमिसाल हुनर....इस बेमिसाल इल्म के पीछे उनका सालों का तजुर्बा था...ना कि कोई डिग्री...या फिर कोई सर्टिफिकेट। हमारी 'कँडीशन' भी कुछ-कुछ उनके जैसी ही है याने के...'ऑलमोस्ट सेम टू सेम' बिकाझ...जैसे उनके पास कोई डिग्री नहीं...वैसे ही हमारे पास भी कोई डिग्री नहीं...सिम्पल।

वैसे आपकी जानकारी के लिए मैँ एक बात और बता दूँ कि ये लहराते ...बलखाते बाल मैँने ऐसे ही धूप में हाँडते-फिरते सफेद नहीं किए हैँ बल्कि..इस डाक्टरी की लाईन का पूरे पौने नौ साल का प्रैक्टिकल तजुर्बा है मुझे और खास बात ये कि ये तजुर्बा...ये एक्सपीरिएंस मैँने इन तथाकथित 'एम.बी.बी.एस' या 'एम.डी' डाक्टरों की तरह....लैबोरेट्री में किसी बेज़ुबान 'चूहे' या 'मैँढक' का पेट काटते हुए हासिल नहीं किया है बल्कि...इसके लिए खुद इन्हीं...हाँ!...इन्हीं नायाब हाथों से कई जीते-जागते ज़िन्दा इनसानो के बदन चीरे हैँ मैँने।
"है क्या आपके किसी 'डिग्रीधारी' डाक्टर या फिर...मैडिकल आफिसर में ऐसा करने की हिम्मत?.....ऐसा करने का माद्दा?


और ये आपसे किस गधे ने कह दिया कि डिग्रीधारी डाक्टरों के हाथों मरीज़ मरते नहीं हैँ? रोज़ ही तो अखबारों में इसी तरह का कोई ना कोई केस छाया रहता है कि फलाने-फलाने सरकारी अस्पताल में फलाने फलाने डाक्टर ने लापरवाही से...आप्रेशन करते वक्त सरकारी कैंची को गुम कर दिया।अब कर दिया तो कर दिया लेकिन नहीं...अपनी सरकार भी ना...पता नहीं क्या सोच के एक छोटी सी...अदना सी...सस्ती सी...कैंची का रोना ले के बैठ जाती है।ये भी नहीं देखती कि कई बार बेचारे डाक्टरों के नोकिया 'एन' सीरिज़ तक के मँहगे-मँहगे फोन भी....मरीज़ों के पेट में बिना कोई शोर-शराबा किए गर्क हो जाते हैँ...धवस्त हो जाते हैँ लेकिन...शराफत देखो उनकी...वो उफ तक नहीं करते...चूँ तक नहीं करते।अब कोई छोटा-मोटा सस्ता वाला चायनीज़ मोबाईल हो तो बन्दा भूल-भाल भी जाए लेकिन....फोन...वो भी नोकिया का...और ऊपर से 'एन' सीरिज़...कोई भूले भी तो कैसे भूले? अब इसे कुछ डाक्टरों की किस्मत कह लें या फिर...उनका खून-पसीने की मेहनत से कमाया पैसा कि उन्होंने अपने फोन को बॉय डिफाल्ट.....'वाईब्रेशन' मोड पे सैट किया हुआ होता है। जिससे...ना चाहते हुए भी कुछ मरीज़ पूरी ईमानदारी बरत पेट में बार-बार मरोड़ उठने की शिकायत ले कर...उसी अस्पताल का रुख करते हैँ जहाँ उनका इलाज हुआ था।

वैसे 'बाबा रामदेव' झूठ ना बुलवाए...तो यही कोई दस बारह केस तो अपने भी बिगड़ ही चुके होंगे इन पौने नौ सालों में लेकिन....इसमें इतनी हाय तौबा मचाने की कोई ज़रूरत नहीं। आखिर इनसान हूँ...गल्ती हो भी जाती है। लेकिन अफसोस!..संबको मेरी गल्ती नज़र आती है..मकसद नहीं।क्या किसी घायल...किसी बिमार की सेवा कर...उसका इलाज कर...उसे ठीक...भला-चंगा करना गलत है? नहीं ना?...फिर ऐसे में अगर कभी गल्ती से लापरवाही के चलते कोई छोटी-बड़ी चूक हो भी गई तो इसके लिए इतना शोर-शराबा क्यों?...इतनी हाय तौबा क्यों?मुझ में भी आप ही की तरह देश-सेवा का जज़्बा है। मैँ भी आप सभी की तरह सच्चा देशभक्त हूँ और सही मायने में देश की भलाई के लिए काम कर रहा हूँ।
आप भले ही मेरी बात से सहमत हों या ना हों मुझे अपनी सरकार का ये दोगलापन बिलकुल पसन्द नहीं कि....अन्दर से कुछ और और बाहर से कुछ और। कहने को अपनी सरकार हमेशा बढ्ती जनसंख्या का रोना रोती रहती है लेकिन अगर हम मदद के लिए आगे बढते हुए अपनी सेवाएँ दें....तो उसे मौत पड़ती है। वो करे तो...पुण्य...हम करें तो पाप।...वाह री मेरी सरकार!...वाह...कहने को कुछ और करने को कुछ।
एक तरफ रोना ये कि देश जनसंख्या बोझ तले दब रहा है...इसलिए परिवार नियोजन को बढावा दो। जहाँ एक तरफ इंदिरा गाँधी के ज़माने में काँग्रेस सरकार ने टोरगैट पूरा करने के लिए जबरन नसबन्दी का सहारा लिया था...और अब वर्तमान काँग्रेस सरकार अपनी बेशर्मी के चलते जगह-जगह "कण्डोम के साथ चलें" के बैनर लगवा रही है...पोस्टर लगवा रही है। दूसरी तरफ कोई अपनी मर्ज़ी से एबार्शन करवाना चाहे तो जुर्माना लगा फटाक से अन्दर कर देती है। अरे!...किसी को अगर एबार्शन करवाना है तो बेशक करवाए ...बेधड़क करवाए...जी भर करवाए।...इसमें तुम्हारे बाप का क्या जाता है? वो चाहे एक करवाए ...या फिर सौ करवाए...उसकी मर्ज़ी...लेकिन नहीं....अपनी कलयुगी सरकार की नज़र-ए-इनायत में ये जुर्म है..पाप है...गुनाह है। ये भला कहाँ का इनसाफ है कि एबार्शन करने वालों को और करवाने वालों को पकड़कर जेल में डाल दिया जाए?....तहखाने में डाल दिया जाए?

ऐसी अन्धेरगर्दी ना तो 'नादिरशाह' के ज़माने में कभी देखी थी और ना ही कभी 'अहमदशाह अब्दाली' के ज़माने में सुनी थी। ठीक है!... माना कि 'एबार्शन'..या क्या कहते हैँ उसे हिन्दी में?...हाँ!..याद आया 'गर्भपात' आमतौर लड़कियों के ही होते हैँ...लड़कों के नहीं। तो आखिर!..इसमें गलत ही क्या है? कोई कुछ कहे ना कहे लेकिन मेरे जैसे लोग तो डंके की चोट पे यही कहेंगे कि अगर लड़का पैदा होगा तो....वो बड़ा हो के कमाएगा...धमाएगा...खानदान का नाम रौशन करेगा।
चलो!..मान ली आपकी बात कि आजकल लडकियाँ भी कमा रही हैँ और लड़कों से दुगना-तिगुना तक कमा रही हैँ लेकिन...ऐसी कमाई किस काम की जो वो शादी के बाद फुर्र हो अपने साथ ले चलती बनें?ये भला क्या बात हुई?कि चारा खिला-खिला बाप बेचारा बुढा जाए और जब दुहने की बारी आए तो....पति महाश्य क्लीन शेव होते हुए भी अपनी तेल सनी वर्चुअल मूछों को ताव देते पहुँच जाएं बाल्टी के साथ? मज़ा तो तब है जब...जो पौधे को सींचे...वही फल भी खाए। "क्यों?...है कि नहीं।खैर छोड़ो!...हमें क्या?....अपने तो सारे बेटे ही बेटे हैँ।...जिसने बेटी जनी है...वही सोचेगा।

आप कहते हैँ कि हम इलाज के दौरान हायजैनिक तरीके इस्तेमाल नहीं करते हैँ जैसे सिरिंजो को उबालना...दस्तानों का इस्तेमाल करना वगैरा वगैरा...तो क्या आप के हिसाब से पैसा मुफ्त में मिलता है?...या फिर किसी पेड़ पे उगता है? आँखे हमारी भी हैँ...हम भी भलीभांति देख सकते हैँ....अगर सिरिंजें दोबारा इस्तेमाल करने लायक होती है तभी हम उन्हें काम में लाते हैँ..वर्ना नहीं। ठीक है!...माना कि कई बार जंग लगे औज़ारो के इस्तेमाल से सैप्टिक वगैरा का चाँस बन जाता है और यदा कदा केस बिगड़ भी जाते हैँ। तो ऐसे नाज़ुक मौकों पर हम अपना पल्ला झाड़ते हुए मरीज़ों को किसी बड़े अस्पताल या फिर किसी बड़े डाक्टर के पास रैफर भी तो कर देते हैँ।अब अगर कोई काम हम से ठीक से नहीं हो पा रहा है तो ये कहाँ का धर्म है? कि हम उस से खुद चिपके रह कर मरीज़ की जान खतरे में डालें। आखिर!...वो भी हमारी तरह जीता जागता इनसान है...कोई खिलोना नहीं।
-ट्रिंग...ट्रिंग...
-हैलो...
-कौन?...
-नमस्ते...
-बस..यहीं आस-पास ही हूँ। ...
-ठीक है!...आधे घंटे में पहुँच जाऊँगा।...
-ओ.के!...सारी तैयारियाँ कर के रखो...फाईनली मैँ आने के बाद चैक कर लूँगा।
-हाँ!..मेरे आने तक पार्टी को बहला के रखो कि डाक्टर साहब 'ओ.टी' में एमरजैंसी आप्रेशन कर रहे हैँ।...
-एक बात और!...कुछ भी कह-सुन के पूरे पैसे एडवांस में जमा करवा लेना।...बाद में पेशेंट मर-मरा गया तो रिश्तेदारों ने ड्रामा खड़ा कर नाक में दम कर देना है। पहले पैसे ले लो तो ठीक...वर्ना...बाद में बड़ा दुखी करते हैँ...
अच्छा दोस्तो!....कहने-सुनने को बहुत कुछ है।...फिलहाल!....जैसा कि आपने अभी सुना...शैड्यूल थोड़ा व्यस्त है...तो फिर!..मिलते हैँ ना ब्रेक के बाद...फिर से नए शिकवों...नई शिकायतों के साथ...कुछ आप अपने मन की कहना...कुछ मैँ अपने दिल की कहूँगा।

***राजीव तनेजा***

अनुरोध -
आप भी अपने हास्य कविता, कहानिया, व्यंग ठिठोली पर पोस्ट करने के लिए इ मेल करे thitholiwala@gmail.com पर ..!!
आउटबॉक्स कालम आप सभी के लिए खुला हैं.......!!


इस पोस्ट एवं इस नए कालम के बारे में अपनी राय जरुर व्यक्त करे....!!!


Saturday, September 26, 2009

कैसे करते हो..??

अगर कुछ इंग्लिश के सामान्य वाक्यों को हिंदी में परिवर्तित किया जाये तो हास्य का बहुत ही अच्छा सम्पुट मिलता है जैसे..

How do you do?
कैसे करते हो..??




Keep in touch..!
छुते रहो..!

Lets hang out..!
चलो बहार लटकते हैं..!

Have a nice day.!
अच्छा दिन लो..!

Whats up??
ऊपर क्या हैं..??

You are kidding..!
तुम बच्चा बना रहे हो..!

Don't kid me..!
मेरा बच्चा मत बनाओ..!

Yo baby, What's up..?
बेटी यो, ऊपर क्या हैं..?

she's so fine!
वो बहुत ही बारीक हैं !

Cool man..
ठंडा आदमी..

Check this out man..!!
इसकी छानबीन करो, आदमी..!!

Hey good looking; What's cooking..??
अरे सुन्दरता कि देवी क्या पका रही हो..??

Are you nuts ..??
क्या आप अखरोट हैं..??

Sun of a gun..
बच्चा बन्दूक का..

Rock the party..
पार्टी में पत्थर फेको..

Its holiday today..
आज बहुत ही पवित्र दिन हैं..!!!


कैसा लगा, आपको मुस्कुराने का प्रयास...??
अपनी अमूल्य टिप्पणी से जरुर बताए....!!

Saturday, September 19, 2009

मुन्ना भाई इन यु. एस. ए. ........






सभी लोग १००१ बार बोलो मुन्ना भाई इन यु. एस. ए. ......

Friday, September 18, 2009

ये ओर्कुटिया दोस्ती...

( Mind It......)




कार्टून को बड़ा करने के लिए कार्टून पर क्लिक करे.....




आभार :- http://www.bamulahija.com


और कार्टून देखे.....

Wednesday, September 16, 2009

आप किधर भी जाएगा ...अमारा नेटवर्क आपको चोडेगा नई...

दोस्तों ये कहानी चेन्नई की एक लड़की की है ......... जरुर पढ़े......

लड़की का नाम प्रिया, उसे इक गाड़ी ने टक्कर मार दी थी !! वो एक कॉल सेण्टर में काम करती थी !! उसका एक प्रेमी था जिसका नाम था शंकर !! वो दोनो सच्चे प्रेमी थे !! हमेशा फ़ोन पर लगे रहते थे !! प्रिय हमेशा अपने हेड फ़ोन के साथ ही दिखती थी !! उसने अपना नेटवर्क भी एयरटेल से वोडाफोन कर लिया था ताकि पैसे बच सके !! प्रिय के परिवार में सब उनके प्रेम के बारे में जानते थे !! वो कम से कम आधा दिन फ़ोन पर ही बतियाते थे !! शंकर ,प्रिया के घर वालो के करीब था (उनका प्यार देखिये) !! 

प्रिया ने अपने दोस्तों को पहले ही कह दिया था कि अगर मैं कभी मर भी जाऊ तो मुझे मेरे हेड फ़ोन के साथ दफनाया जाये, और यही उसने अपने माता- पिता को भी कहा !!! उसकी मृत्यु के बाद, लोग उसकी अर्थी नहीं उठा पा रहे थे, कई लोगो ने किस्मत अजमाई मगर अर्थी नहीं उठी!! तभी किसी ने एक व्यक्ति को बुलाया जो उनका पडोसी भी था और प्रिया के पिता का दोस्त भी उसे मृत आत्माओ से बात करने में महारत हासिल थी !! उस व्यक्ति ने एक लकडी ली और कुछ बोलने लगा, उस व्यक्ति ने कहा कि प्रिया कि अंतिम इच्छा थी उसे हेड फ़ोन के साथ दफनाया जाये, तो उसका हेड फ़ोन, मोबाइल और सिम भी उसके साथ अर्थी में रख दी और अर्थी उठ गयी !!!



उधर प्रिया के परिवार वालो ने शंकर को नहीं बताया था इस हादसे के बारे में !! २ हफ्ते बाद शंकर का फ़ोन आया प्रिया कि माँ के पास, शंकर ने कहा - "आंटी, मैं आज आपके घर आ रहा हु, मेरे लिए कुछ अच्छा खाना बनाना और प्रिया को मत बताना कि में आ रहा हूँ , प्रिया कि माँ ने कहा ठीक है, तुम आ जाओ, मैं फिर तुम्हे कुछ बताना चाहती हूँ !! जब शंकर घर आया तो प्रिया कि माँ ने हादसे के बारे में बताया तो शंकर को लगा कि आंटी उससे मजाक कर रही हैं, मगर प्रिया के घर वालो ने उसे प्रिया का मृत्यु प्रमाण पत्र दिखाया  और शंकर के पसीने छूटने लगे!!! 

इतने में प्रिया का फ़ोन आ गया शंकर ने उससे बात कि और लाउड स्पीकर पर शंकर की माता पिता को भी सुनाया!!! वो प्रिया की ही आवाज थी और बिलकुल स्पष्ट थी और कोई रुकावट नहीं थी नेटवर्क में भी !! मगर प्रिया का मोबाइल तो उसके साथ ही दफनाया था सो प्रिया के पापा ने फिर से आत्मा से बात करने वाले दोस्त को बुलाया और उनके कुछ शागिर्दों को भी बुलाया, सभी ने ५ घंटे मेहनत की और उन्होंने जो पाया वो बहुत ही आश्चर्यजनक था!!! उन्होंने पाया कि वोडाफोन का नेटवर्क सबसे अच्छा है जहा भी आप जाओ आपको नेटवर्क मिलेगा....!!!!! 

अपने १० मिनट देने के लिए धन्यवाद....... :D

आप किधर भी जाएगा ...अमारा नेटवर्क आपको चोडेगा नई... ...

दोस्तों ये कहानी चेन्नई की एक लड़की की है ......... जरुर पढ़े......

लड़की का नाम प्रिया, उसे इक गाड़ी ने टक्कर मार दी थी !! वो एक कॉल सेण्टर में काम करती थी !! उसका एक प्रेमी था जिसका नाम था शंकर !! वो दोनो सच्चे प्रेमी थे !! हमेशा फ़ोन पर लगे रहते थे !! प्रिय हमेशा अपने हेड फ़ोन के साथ ही दिखती थी !! उसने अपना नेटवर्क भी एयरटेल से वोडाफोन कर लिया था ताकि पैसे बच सके !! प्रिय के परिवार में सब उनके प्रेम के बारे में जानते थे !! वो कम से कम आधा दिन फ़ोन पर ही बतियाते थे !! शंकर ,प्रिया के घर वालो के करीब था (उनका प्यार देखिये) !! 


प्रिया ने अपने दोस्तों को पहले ही कह दिया था कि अगर मैं कभी मर भी जाऊ तो मुझे मेरे हेड फ़ोन के साथ दफनाया जाये, और यही उसने अपने माता- पिता को भी कहा !!! उसकी मृत्यु के बाद, लोग उसकी अर्थी नहीं उठा पा रहे थे, कई लोगो ने किस्मत अजमाई मगर अर्थी नहीं उठी!! तभी किसी ने एक व्यक्ति को बुलाया जो उनका पडोसी भी था और प्रिया के पिता का दोस्त भी उसे मृत आत्माओ से बात करने में महारत हासिल थी !! उस व्यक्ति ने एक लकडी ली और कुछ बोलने लगा, उस व्यक्ति ने कहा कि प्रिया कि अंतिम इच्छा थी उसे हेड फ़ोन के साथ दफनाया जाये, तो उसका हेड फ़ोन, मोबाइल और सिम भी उसके साथ अर्थी में रख दी और अर्थी उठ गयी !!!



                     उधर प्रिया के परिवार वालो ने शंकर को नहीं बताया था इस हादसे के बारे में !! २ हफ्ते बाद शंकर का फ़ोन आया प्रिया कि माँ के पास, शंकर ने कहा - "आंटी, मैं आज आपके घर आ रहा हु, मेरे लिए कुछ अच्छा खाना बनाना और प्रिया को मत बताना कि में आ रहा हूँ , प्रिया कि माँ ने कहा ठीक है, तुम आ जाओ, मैं फिर तुम्हे कुछ बताना चाहती हूँ !! जब शंकर घर आया तो प्रिया कि माँ ने हादसे के बारे में बताया तो शंकर को लगा कि आंटी उससे मजाक कर रही हैं, मगर प्रिया के घर वालो ने उसे प्रिया का मृत्यु प्रमाण पत्र दिखाया  और शंकर के पसीने छूटने लगे!!! 


इतने में प्रिया का फ़ोन आ गया शंकर ने उससे बात कि और लाउड स्पीकर पर शंकर की माता पिता को भी सुनाया!!! वो प्रिया की ही आवाज थी और बिलकुल स्पष्ट थी और कोई रुकावट नहीं थी नेटवर्क में भी !! मगर प्रिया का मोबाइल तो उसके साथ ही दफनाया था सो प्रिया के पापा ने फिर से आत्मा से बात करने वाले दोस्त को बुलाया और उनके कुछ शागिर्दों को भी बुलाया, सभी ने ५ घंटे मेहनत की और उन्होंने जो पाया वो बहुत ही आश्चर्यजनक था!!! उन्होंने पाया कि वोडाफोन का नेटवर्क सबसे अच्छा है जहा भी आप जाओ आपको नेटवर्क मिलेगा....!!!!!  


अपने १० मिनट देने के लिए धन्यवाद....... :D

Sunday, September 13, 2009

उट-प-टांग.....!!!!

आजकल टांग का बहुत बोलबाला हैं !! टांग को हम कई नामो से जानते हैं, जिनमे पैर, पाद , पद, लात आदि प्रमुख हैं !

टांग का प्रयोग मुख्यतः तो चलने में होता हैं, मगर आजकल ये चलने के आलावा भी कई उपयोग में आती हैं जैसे तोड़ने, खीचने, अदने आदि!! कई व्यक्तियों ने तो टांग के उपयोग में महारत हासिल कर ली हैं !! नेताओ का तो पेशा ही टांग खीचने और अडाने का होता हैं !!!

आज हर व्यक्ति अपनी टांग उची करने के प्रयत्न में लग रहता हैं, ऐसे में कइयो कि टांग टूट भी जाती हैं !! जो जितना दुसरो कि टांग खिचता हैं !! वह फिर अपनी टांग पर खड़े रहने के लायक नहीं रहता !! आज देश में कई ऐसे नवयुवक हैं जो अपनी टांग पर खड़े नहीं हो प् रहे हैं व देश कि अर्थव्यवस्था कि टांग कमजोर कर रहे हैं !! 

कइयो कि फटे में टांग अडाने कि आदत भी होती हैं , जो बहुधा नुकसानदायक होती हैं !! टांग के नहीं होने पर व्यक्ति स्थिर हो जाता हैं तथा कृत्रिम टांगो का सहारा लेता हैं अर्थात बिना टांगो के व्यक्ति का काम नहीं चल सकता !!! 

टांग कितना महत्वपूर्ण अंग है ये उनसे जाना जा सकता हैं जिनकी टांग नहीं होती हैं या जो किसी कि टांग अडाने या खीचने के शिकार हुए हैं !! कुछ ऊँची टांग वालो के आगे अच्छे अच्छे घुटने टेक देते हैं!! 

कुछ अच्छे लोग अच्छी टांगो का अच्छा उपयोग भी कर लेते हैं जैसे किसी असहाय की मदद में, अच्छे कार्यो को प्रोत्साहन में आदि !!! मगर अब समय आ गया है कि समाज में पुराणी टांगो कि जगह नयी टांग ले और टांग खीचने तथा अडाने जैसी प्रवत्ति में टांग अडाऐ !! तभी भारत विश्व में अपनी टांग ऊँची कर खडा रह सकेगा!!!

Tuesday, September 8, 2009

अजीब प्राणी......

आज आपको एक अजीबो गरीब प्राणी की जानकारी देंगे..... ये प्राणी आज दुनिया के हर कोने में मौजूद है !!! और इनकी प्रजाति अलग ही होती है ...... इस प्रजाति का नाम है गर्लफ्रेंड!! ये मादा प्रजाति है ये अक्सर boyfriend नामक निरीह प्राणी के साथ पाई जाती हैं !! इन्हें प्रायः मॉल, कोम्प्लेक्सेस , सिनेमा घरो , रेस्टोरेंट में अपने boyfriend के साथ विचरण करती हुए देखा जाता हैं !!





इनका पोष्टिक आहार इनके boyfriend का भेजा (दिमाग) होता है, जिसे खाकर ये संतुष्ट हो जाती हैं!! ये प्राणी रुपये को आसानी से सूंघ सकती है !! इनको अक्सर नाराज होने का नाटक करते हुए देखा जा सकता हैं अगर पैसे खर्च किये जाये तो फिर ये नाटक ख़तम हो जाता हैं !!!

इस प्राणी का सबसे खतरनाक हथियार रोना और इमोशनली ब्लैकमेल करना होता है !!!! गर्लफ्रेंड से breakup के बाद टेंशन नाम की बीमारी हो जाती हैं, जिसका इलाज संभव नहीं हैं!!

इस बीमारी से ग्रसित boyfriend को केवल वही नजर आती हैं, पीड़ित नर उसे भुला नहीं पता और लगातार SMS और orkut पे स्क्रैप करता रहता हैं, जबकि हकीकत में वो इसे भूल चुकी होती हैं !!!! ये बहुत ही खतरनाक प्राणी हैं, boyfriend को बर्बाद करने में कोई कसार नहीं छोड़ती !!!!

कृपया इससे बचकर रहे....... :)

जनहित में जारी...... :)

Saturday, August 8, 2009

ढाबे पर मक्खी........

सरदार के ढाबे पर.......

ग्राहक - सरदारजी लस्सी में तो मक्खी है !
सरदार - ओये चुप दिल बड़ा रख, ये नन्ही सी जान तेरी कितनी लस्सी पी जायेगी??

पी ले चुप चाप.....

Wednesday, June 3, 2009

गधे पिताजी .......

लड़की के पिताजी- मै नहीं चाहता की मेरी बेटी अपनी पूरी जिंदगी के गधे के साथ गुजारे...


प्रेमी - बस .. बस ... बस.. इसीलिए......

मै उसे यहाँ से ले जाने आया हूँ..........!!!!!!

Sunday, May 31, 2009

कहाँ चलेंगे ???

पत्नी - सुनोजी डॉक्टर ने मुझे १ महीने के लिए आराम के लिए किसी  hill station  पर जाने को कहा है तो हम कहा चलेंगे ??

.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
पति - दुसरे डॉक्टर के पास.............

________________________________________________________________


शेरनी के घर वालो ने हाथी का रिश्ता ठुकरा दिया बताओ क्यों ??
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.








.
.
.
.
.
.
अरे आप अपना काम कीजिये उनके घर की बात है अपने को क्या लेना देना........


Saturday, May 30, 2009

सेंडल निकालूँ क्या ?


लड़का लड़की से - मेरे दिल में आ जाओ !

लड़की - सेंडल  निकालूँ क्या ?

लड़का- अरे पगली मेरा दिल है कोई मंदिर थोडी ही ना , सेंडल पहन कर ही आ जाओ !!!!!!!!

Friday, March 13, 2009

बाप नम्बरी बेटा दस नम्बरी...........

मनु,"डेडी, ज्यादा काबिल कौन है मैं या आप?"

डैडी, " मै, क्योकि मैं एक तो तुम्हारा बाप हुँ, दुसरे उम्र मे भी तुम से बडा हुँ और मेरा तजुर्बा भी तुम से ज्यादा है।"

मनु, "फ़िर तो आप जानते होगें कि अमेरिका की खोज किस ने की थी? "

डैडी, "कोलम्बस ने की थी"

मनु, "कोलम्बस के बाप ने क्यों नही की, उसका तजुर्बा तो कोलम्बस से कही ज्यादा होगी?"

बहाने बाज ...........

एक बहानेबाज कर्मचारी का दादा उस के दफ़तर में जा कर उस के बाँस से बोला, " इस दफ़तर मे सुनिल नाम का व्यक्ति कार्य करता है, मुझे उस से मिलना है, वह मेरा पोता है।"



बाँस ने मुस्करा कर कहा, " मुझे अफ़सोस है, आप देर से आए है, वह आप के अर्थी को कंधा देने के लिए छुट्टी लेकर जा चुका है।"

Saturday, February 28, 2009

मुर्गी की इज्जत ....


बाजार में एक मुर्गा एक मुर्गी के पीछे भाग रहा था, भागते भागते ३-४ गलिया पार कर ली ! गली के सभी लोग उन्हें देख रहे थे ! मुर्गी किसी के रोके नहीं रुक रही थी और मुर्गा भी उसका पीछा किये जा रहा था ! कुछ देर में दोनों गलियों से मुख्य सड़क पर आ गए और भागते भागते मुर्गी एक ट्रक के नीचे आकर मर गयी !

एक सरदार पूरी घटना को देख रहा था ! वो पास बैठे एक व्यक्ति से बोला ये है हिन्दुस्तानी मुर्गी देखो जान दे दी मगर इज्जत बचा ली !

Sunday, February 22, 2009

लालू प्रसाद का जापान विस्तार




एक बार लालू प्रसाद यादव बिहार में व्यापार विस्तार के सिलसिले में एक जापानी प्रतिनिधि मंडल को सम्बोधित कर रहे थे ! जापानी प्रतिनिधि मंडल बिहार के प्रगति से बहुत ही प्रभावित हुए और कहा बिहार बहुत ही अच्छा राज्य है ! आप हमें ३ महीने दीजिये हम बिहार को जापान बना देंगे! लालू बहुत ही आश्चर्यचकित हुआ और कहा आप जापानी लोग बहुत ही अयोग्य है! हमें बस ३ दिन दीजिये हम जापान को बिहार बना देंगे.......

Saturday, February 21, 2009

जब अपने पे बात आई तो.............

एक भिखारी भीख मांगने के लिए एक घर के दरवाजे पहुंचा और भगवानके नाम लिए, अन्दर से एक ४५ की उम्र की महिला आई।
भिखारी बोला - माताजी, भूखे को रोटी दो।
महिला बोली - शरम नहीं आती, इतने हट्टे-कट्टे हो, कुछ कामधाम किया करो। दो-दो हाथ हैं, पैर हैं, आंखें हैं फिर भी भीख मांगते हो !
अब भिखारी ने भी सुर बदला और बोला - मैडम, आप भी इतनी खूबसूरत है, गोरी-चिट्टी हैं, गजब की शक्ल है और अभी आपकी उम्र ही क्या है ? आप मुंबई जाकर हीरोइन क्यों नहीं बन जाती ? घर पर बेकार बैठी हो।महिला बोली - जरा रुको, मैं अभी तुम्हारे लिए मिठा परौठा लाती हूं।

Sunday, February 8, 2009

मिस कॉल............

एक सरदार को एक बार किसी ने मिस कॉल किया................
सरदार ने उस मोबाईल नंबर पर कॉल कर के कहा - '' वोह यारा... तुमको पता है... तुम्हारे मोबाईल की बैटरी ख़त्म हो गई है'' ........

Friday, January 23, 2009

हसगुल्ला.............

दृश्य.............

एक डॉक्टर मरीज के पीछे भाग रहा था ........

एक आदमी ने पूछा क्यो भाग रहे हो डॉक्टर साहब...........

डॉक्टर:- अरे यार चार बार ऐसा हुआ है साला ब्रेन का ओप्रशन करवाने आता है और बाल कटवा के चला जाता है.........

हसो भाई हसो..........

दृश्य........

बंता मुजरा देखने गया..........

बाई: साहब हमने आपको खुश किया अब आप हमें खुश करो.................

बंता उठा ओर खुद नाचने लग गया..........

Saturday, January 17, 2009

आज का चुटकुला.............

दृश्य.....

पति पत्नी की गोद में लेता था............

पत्नी ने प्यार से पुछा : कैसा लग रहा है जी...............????

पति: ऐसा लग रहा है जैसे भगवन विष्णु शेषनाग की गोद में लेते हो......

कार्टून की दुनिया की सेर करे.....

कार्टून की दुनिया की सेर करे.....
कीर्तिश भट्ट का कार्टून ब्लॉग...

राजीव नेमा इन्दोरी स्टाइल में बराक ओबामा.......

 

Home | Jokes | Shayari | SMS | Video | Contact |
_________________________________________________________________________________________________________
©2009 | All Rights Reserved | Designed and Maintained by: Ashvin Bhatt  |  Graphics By: Kirtish Bhatt