दोस्तों ये कहानी चेन्नई की एक लड़की की है ......... जरुर पढ़े......
लड़की का नाम प्रिया, उसे इक गाड़ी ने टक्कर मार दी थी !! वो एक कॉल सेण्टर में काम करती थी !! उसका एक प्रेमी था जिसका नाम था शंकर !! वो दोनो सच्चे प्रेमी थे !! हमेशा फ़ोन पर लगे रहते थे !! प्रिय हमेशा अपने हेड फ़ोन के साथ ही दिखती थी !! उसने अपना नेटवर्क भी एयरटेल से वोडाफोन कर लिया था ताकि पैसे बच सके !! प्रिय के परिवार में सब उनके प्रेम के बारे में जानते थे !! वो कम से कम आधा दिन फ़ोन पर ही बतियाते थे !! शंकर ,प्रिया के घर वालो के करीब था (उनका प्यार देखिये) !!
प्रिया ने अपने दोस्तों को पहले ही कह दिया था कि अगर मैं कभी मर भी जाऊ तो मुझे मेरे हेड फ़ोन के साथ दफनाया जाये, और यही उसने अपने माता- पिता को भी कहा !!! उसकी मृत्यु के बाद, लोग उसकी अर्थी नहीं उठा पा रहे थे, कई लोगो ने किस्मत अजमाई मगर अर्थी नहीं उठी!! तभी किसी ने एक व्यक्ति को बुलाया जो उनका पडोसी भी था और प्रिया के पिता का दोस्त भी उसे मृत आत्माओ से बात करने में महारत हासिल थी !! उस व्यक्ति ने एक लकडी ली और कुछ बोलने लगा, उस व्यक्ति ने कहा कि प्रिया कि अंतिम इच्छा थी उसे हेड फ़ोन के साथ दफनाया जाये, तो उसका हेड फ़ोन, मोबाइल और सिम भी उसके साथ अर्थी में रख दी और अर्थी उठ गयी !!!
इतने में प्रिया का फ़ोन आ गया शंकर ने उससे बात कि और लाउड स्पीकर पर शंकर की माता पिता को भी सुनाया!!! वो प्रिया की ही आवाज थी और बिलकुल स्पष्ट थी और कोई रुकावट नहीं थी नेटवर्क में भी !! मगर प्रिया का मोबाइल तो उसके साथ ही दफनाया था सो प्रिया के पापा ने फिर से आत्मा से बात करने वाले दोस्त को बुलाया और उनके कुछ शागिर्दों को भी बुलाया, सभी ने ५ घंटे मेहनत की और उन्होंने जो पाया वो बहुत ही आश्चर्यजनक था!!! उन्होंने पाया कि वोडाफोन का नेटवर्क सबसे अच्छा है जहा भी आप जाओ आपको नेटवर्क मिलेगा....!!!!!
अपने १० मिनट देने के लिए धन्यवाद....... :D
4 लोग टिपियाए:
हा हा हा हा......:)
हा हा, बहुत सही..नेटवर्क मिल नहीं रहा!!
कुकुर के पूंछ में ही है सब तकनीक है...सुने पढे थे कि महाभारत की लडाई के बाद भी यही एक अकेला बचा था....अब पता चला कि वोडाफ़ोन कित्ती पुरानी कंपनी
ha ha ha ha gud one
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